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कैबिनेट से पथ निर्माण विभाग की 13 योजनाओं को मिली स्वीकृति, 668 करोड़ की लागत से 11 जिलों में अधोसंरचना को मिलेगी मजबूती: मंत्री

राज्य भर में सुगम, सुरक्षित और तीव्र यातायात की दिशा में बड़ा कदम

चंपारण केशरी,दीपांकर कुमार द्वारा पोस्टेड /पटना। बिहार में अधोसंरचना विकास की दिशा में एक और अहम निर्णय लेते हुए पथ निर्माण विभाग ने विभिन्न जिलों में सड़क और पुल परियोजनाओं के लिए 667 करोड़ रुपये की प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की है। इन योजनाओं के तहत करीब 110 किलोमीटर सड़कों का चौड़ीकरण और मजबूतीकरण किया जाएगा, जिससे आवागमन पहले की अपेक्षा अधिक सुलभ, सुरक्षित और तीव्र हो सकेगा। खास बात यह है कि इन परियोजनाओं से न केवल यातायात व्यवस्था सुधरेगी बल्कि कृषि, बाजार और सामाजिक जीवन को भी सीधा लाभ मिलेगा।

पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने कहा कि ये योजनाएं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के उस महत्वाकांक्षी विज़न को साकार करने की दिशा में एक बड़ा कदम हैं, जिसके तहत वर्ष 2027 तक राज्य के किसी भी कोने से राजधानी पटना तक अधिकतम साढ़े तीन घंटे में पहुंचना संभव हो सकेगा।

पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने इन सभी निर्णयों के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रति आभार व्यक्त किया है । उन्होंने कहा कि मंत्रिपरिषद द्वारा पारित इन योजनाओं में समस्तीपुर से लेकर कटिहार तक कुल 11 जिलों की सड़कें शामिल हैं। समस्तीपुर जिले में मोहिउद्दीननगर (बलुआही) से चकला तक 6.80 किमी लंबे पथ के चौड़ीकरण और मजबूतीकरण के लिए ₹3236.52 लाख की स्वीकृति दी गई है, वहीं मधेपुरा प्रमंडल में चांदनी चौक (एनएच-107) से पस्तपार (एनएच-106) तक 10.813 किमी सड़क के विकास पर ₹3769.46 लाख खर्च होंगे। बेतिया प्रमंडल अंतर्गत बगहा से होकर गोइटी, मंझरिया, कथुलिया बाजार, विजयनगर और सेमरा बाजार होते हुए सेमरा तक 14 किमी लंबी सड़क और पुल का निर्माण ₹6450.33 लाख की लागत से होगा, जो इस क्षेत्र की सामाजिक और व्यापारिक गतिविधियों को गति देगा।

मंत्री नितिन नवीन ने बताया कि इसी प्रकार गोपालगंज जिले में बरौली सुरवर मोड़ से नुतन मोड़ भाया कल्याणपुर तक 7.70 किमी पथ के चौड़ीकरण के लिए ₹3556.34 लाख स्वीकृत किए गए हैं। सहरसा में महुआ बाजार से ग्वालपारा भाया बलेथा, बसनही तक 9.103 किमी सड़क पर ₹3944.59 लाख की राशि खर्च की जाएगी। नवादा जिले को दो बड़ी परियोजनाएं मिली हैं, जिनमें पहली है हिसुआ बाईपास निर्माण। यह बाईपास एनएच-82 पर बगोदर से एसएच-8 के उर्सा आहर होते हुए करमचक तक 2.90 किमी लंबा होगा। इसके निर्माण से गया, नवादा, सिकंदरा, जमुई और देवघर जाने वाले यात्रियों को जाम से राहत मिलेगी, क्योंकि हिसुआ बाजार और चौक पर यातायात अत्यधिक भीड़भाड़ वाला है। इसके लिए 3519.33 लाख की राशि की स्वीकृति प्रदान की गयी है। दूसरी परियोजना के तहत नवादा के लेधा, कझिया, नाद, कूलना, कौशी, भुमई होते हुए अकबरपुर (एसएच-103) तक 13.70 किमी सड़क के चौड़ीकरण एवं मजबूतीकरण के लिए ₹6970.23 लाख की स्वीकृति दी गई है। इतना ही नहीं आवश्यकतानुसार पथ में क्रास ड्रेन , कल्भर्ट का प्रावधान भी किया गया है।

मंत्री ने बताया कि इस श्रृंखला में शाहाबाद पथ प्रमंडल अंतर्गत आरा जिले के कुरमुरी से बंधवा तक 8.890 किमी लंबी सड़क को भी ₹3353.24 लाख की लागत से चौड़ा और मजबूत किया जाएगा। मधुबनी जिले के अंधराठाढ़ी प्रखंड के भदुआर घाट और झंझारपुर प्रखंड के खैरा घाट के बीच कमला बलान नदी पर पुल और पहुंच पथ के निर्माण के लिए ₹15412.53 लाख की स्वीकृति मिली है। यह पुल न केवल दो प्रखंडों को जोड़ेगा, बल्कि जिले के विकास में एक नया द्वार खोलेगा।

इधर मोतिहारी जिले में माधोपुर-बहुरूपिया से दुबौलिया चौक (एनएच-727) तक 7 किमी सड़क का चौड़ीकरण ₹3170.52 लाख में किया जाएगा। दरभंगा जिले के बहादुरपुर प्रखंड स्थित कपछाही से दाईंग भाया अम्मपट्टी, दशरथपट्टी, गैघट्टी, सतघरा और दरगाहा तक 5 किमी सड़क को भी ₹3960.29 लाख में दुरुस्त किया जाएगा, जो स्थानीय आवागमन को सरल बनाएगा। इसी तरह पूर्वी चंपारण के ढाका पथ प्रमंडल अंतर्गत चकिया (एनएच-27) से मधुबन तक 10.20 किमी सड़क का उन्नयन ₹3857.42 लाख में किया जाएगा, जिससे न केवल शहरी आवागमन बेहतर होगा बल्कि कृषकों को अपने उत्पाद बाजार तक पहुंचाने में आसानी होगी।

कटिहार जिले को भी एक महत्वपूर्ण परियोजना मिली है। पूर्णिया-कटिहार पुराने संरेखन वाले एनएच-131ए के दलन चौक से मनिहार मोड़ होते हुए कुशवाहा चौक तक कुल 14 किमी पथ को ₹5566.53 लाख की लागत से चौड़ा और मजबूत किया जाएगा, जिससे क्षेत्र की सड़कों को नई मजबूती और गति मिलेगी।

मंत्री ने बताया कि इन सभी परियोजनाओं को मिलाकर कुल 110.106 किमी सड़कें और एक प्रमुख पुल का निर्माण किया जाएगा। राज्य सरकार का स्पष्ट उद्देश्य है कि बिहार के सभी जिलों को बेहतर और टिकाऊ सड़कों से जोड़ा जाए ताकि शिक्षा, स्वास्थ्य, बाजार, प्रशासन और परिवहन तक आम जनता की आसान पहुंच सुनिश्चित हो सके। सड़क संपर्क को विकास का आधार मानते हुए सरकार ने जिस तरह से एकसाथ दर्जनों योजनाओं को मंजूरी दी है, वह आने वाले वर्षों में बिहार के बुनियादी ढांचे की तस्वीर बदलने में निर्णायक भूमिका निभाएगा।

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