एक अधिकारी ऐसा भी: वर्षों पुराने रैयती विवाद का हुआ शांतिपूर्ण समाधान।
अंचल अधिकारी आनन्द कुमार की सक्रिय पहल, पंचायत प्रतिनिधियों की मध्यस्थता और ग्राम के पंचों की उपस्थिति में किए गए समझौते से सुलझ गया।

चम्पारण केसरी,दीपांकर कुमार द्वारा पोस्टेड, घोड़ासहन। अंचल अंतर्गत ग्राम जगिराहा स्थित मौजा बरवा खुर्द में वर्षों से चला आ रहा जटिल रैयती विवाद को आखिरकार सुलझा लिया गया। यह संभव हो सका अंचल अधिकारी आनन्द कुमार की सक्रिय पहल, पंचायत प्रतिनिधियों की मध्यस्थता और ग्राम के पंचों की उपस्थिति में किए गए समझौते से सुलझ गया।
विवाद की जड़ उस समय पड़ी जब वर्षों पूर्व एक व्यक्ति ने अपने हिस्से की जमीन से अधिक भूमि पर दखल कब्जा जताते हुए उसे तीन अलग-अलग क्रेताओं को बेच दिया। इसके कारण चार पक्षों के बीच दस्तावेजी रकवा को लेकर भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो गई। प्रत्येक पक्ष अपने क्रय किए गए रकवा से कम भूमि लेने को तैयार नहीं था, जिससे स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई थी और खूनी संघर्ष की आशंका तक जताई जा रही थी। स्थिति को गंभीर होता देख श्रीपुर पंचायत समिति के प्रतिनिधि रंजीत कुमार यादव ने पहल करते हुए अंचल अधिकारी को मौके पर बुलाया। मंगलवार की सुबह 8:30 बजे सभी पक्षकारों एवं ग्रामवासियों की उपस्थिति में पंचायत बुलाई गई। पंचों की मौजूदगी में अंचल अधिकारी ने दस्तावेजों की जांच, स्थलीय निरीक्षण तथा सभी पक्षों की बातों को सुनते हुए निष्पक्ष निर्णय सुनाया। इस फैसले पर सभी पक्षकारों ने अपनी सहमति जताई और आपसी सहमति से वर्षों पुराना विवाद समाप्त हो गया। अंचल अधिकारी की इस पहल की न केवल ग्रामीणों ने सराहना की, बल्कि इसे एक मिसाल के तौर पर देखा जा रहा है कि प्रशासनिक इच्छाशक्ति और सामूहिक प्रयासों से किसी भी जटिल समस्या का समाधान संभव है।
यह उदाहरण दर्शाता है कि यदि जनप्रतिनिधि, पंच तथा प्रशासन मिलकर कार्य करें, तो गांव-समाज में शांति और सौहार्द स्थापित किया जा सकता है। यह समाधान निश्चित रूप से ग्रामीण न्याय व्यवस्था के लिए एक प्रेरणादायक घटना के रूप में याद रखा जाएगा।