पंचायत में कचड़ा उठाव कार्यक्रम टाय टाय फिस।
सरकार की महत्वपूर्ण अभियान लोहिया स्वच्छ बिहार प्रखण्ड क्षेत्र में फिसड्डी साबित हो रही है।
चम्पारण केसरी,दीपांकर कुमार द्वारा पोस्टेड,केसरिया, पू.च। सरकार की महत्वपूर्ण अभियान लोहिया स्वच्छ बिहार प्रखण्ड क्षेत्र में फिसड्डी साबित हो रही है। लाखों रुपया खर्च के बावजूद भी फेज वन व टू में इस योजना के तहत चयनित पंचायतों में स्वच्छता की स्थिति जस की तस है।कचड़ा उठाव करने को लेकर जिस उम्मीद व तैयारी से पैडल रिक्शा, ई-रिक्शा सहित अन्य उपकरणों की खरीदारी की गई उस उम्मीद पर इस अभियान को क्षेत्र में नहीं उतारा गया। आलम यह है कि कई जगह कचड़ा उठाव करने वाला रिक्शा/ठेला या तो क्षतिग्रस्त स्थिति में है या धूल फांक रहा है! वहीं कई जगह इस रिक्शे को निजी उपयोग में भी लाया जा रहा है। लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान के प्रथम फेज में प्रखण्ड क्षेत्र के सेम्भुआपुर व ताजपुर पटखौलिया पंचायत व दूसरे फेज में मठिया, पूर्वी व पश्चिमी सुन्दरापुर एवं खिजिरपुरा बेनीपुर का चयन किया गया। चयनित इन सभी पंचायतों में डोर-टू-डोर कचड़ा उठाव करने को लेकर ई-रिक्शा, ठेला, डस्टबिन की खरीदारी की गई। साथ हीं डंपिंग यार्ड का निर्माण भी किया गया। कुछ पंचायतों में डंपिंग यार्ड निर्माणाधीन है। लेकिन सब के बावजूद क्षेत्र में इस अभियान को सफल नहीं बनाया जा सका।
समय से नहीं मिलता स्वच्छता कर्मियों को मानदेय
इस अभियान के सफल क्रियान्वयन को लेकर चयनित प्रत्येक पंचायत एक स्वच्छता पर्यवेक्षक व प्रत्येक वार्ड में एक स्वच्छता कर्मी की तैनाती की गई है। एलएसबीए व 15 वीं वित्त योजना से पर्यवेक्षक को पाँच हजार व स्वच्छता कर्मी को तीन हजार मानदेय के तौर पर दिया जाता है। लेकिन कई जगह इन कर्मियों का मानदेय विगत कई माह से लंबित है। जिसके कारण भी इस अभियान पर असर पड़ रहा है।
कहते हैं अधिकारी
प्रखण्ड विकास पदाधिकारी कुमुद कुमार ने बताया कि मामला संज्ञान में आया है। प्रखण्ड स्वच्छता समन्वयक को संबंधित पंचायतों में क्षतिग्रस्त ठेला को अविलम्ब मरम्मत करा कर कचड़ा उठाव कराने को निदेशित किया गया है। जल्द हीं सभी संबंधित पंचायतों में डोर-टू-डोर कचड़ा उठाव का कार्य सुचारू ढंग से शुरू हो जाएगा। साथ हीं स्वच्छता कर्मियों के लंबित मानदेय जारी करने को लेकर अग्रतर कार्रवाई की जा रही है।