ढाका हाई स्कूल मैदान से असदुद्दीन ओवैसी ने भरा आतंकवाद के खिलाफ जिहाद का बिगुल
वक्फ बिल की वापसी तक संघर्ष रहेगा जारी – ओवैसी का ऐलान

चम्पारण केसरी, सिकरहना (मोहम्मद आसिफ शेख), दीपांकर कुमार द्वारा पोस्टेड ढाका विधानसभा से राणा रंजीत सिंह होंगे AIMIM के उम्मीदवार, ओवैसी ने किया ऐलान चम्पारण केसरी, सिकरहना, (मोहम्मद आसिफ शेख)। ढाका हाई स्कूल के विशाल खेल मैदान में रविवार को एआईएमआईएम द्वारा आतंकवाद के खिलाफ़ ओवैसी का जिहाद नामक विशाल जनसभा का आयोजन किया गया। इस ऐतिहासिक कार्यक्रम में एआईएमआईएम के राष्ट्रीय अध्यक्ष और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने शिरकत की और जोरदार भाषण दिया। मैदान में हजारों की संख्या में लोग जुटे थे, जिनमें युवाओं की संख्या खासतौर पर उल्लेखनीय रही।
आतंकवाद पर तीखा हमला:
ओवैसी ने पहलगाम में हुए आतंकी हमले पर दुख और गुस्सा जाहिर करते हुए कहा, ये पाकिस्तानी आतंकवादी हमारे मुल्क में घुसकर निर्दोष लोगों की जान ले रहे हैं। ये नाकाबिल-ए-बर्दाश्त है। सरकार को चाहिए कि वो इन आतंकवादियों की पहचान करके जल्द से जल्द कड़ी कार्रवाई करे। हम देश की सरहदों की हिफाजत के लिए सरकार के साथ हैं, लेकिन आतंकियों पर रहम नहीं होना चाहिए।
वक्फ बिल के खिलाफ मोर्चा:
असदुद्दीन ओवैसी ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि वक्फ संपत्तियों पर जो कानून लाया जा रहा है, वह मुस्लिमों की संपत्तियों को छीनने की साज़िश है। हम इस वक्फ बिल का पुरजोर विरोध करते हैं। जब तक यह काला कानून वापस नहीं लिया जाता, हमारा संघर्ष जारी रहेगा। चाहे दिल्ली जाना पड़े या सड़क पर उतरना पड़े, हम पीछे नहीं हटेंगे।
युवाओं और शिक्षा पर चिंता:
अपने संबोधन में ओवैसी ने बेरोजगारी और शिक्षा व्यवस्था पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा, आज का युवा शिक्षा और रोजगार के लिए भटक रहा है। सरकार सिर्फ वादे करती है, हकीकत में जमीनी स्तर पर कुछ नहीं हो रहा। मुस्लिम नौजवानों के लिए शिक्षा और नौकरी के दरवाज़े बंद होते जा रहे हैं। हमें इस स्थिति के खिलाफ़ आवाज उठानी होगी।
राणा रंजीत सिंह की उम्मीदवारी का ऐलान:
इस कार्यक्रम में सबसे बड़ी घोषणा तब हुई जब ओवैसी ने राणा रंजीत सिंह को ढाका विधानसभा से एआईएमआईएम का अधिकृत उम्मीदवार घोषित किया।
हिन्दू-मुस्लिम एकता का संदेश:
राणा रंजीत सिंह ने अपने भाषण में हिन्दू-मुस्लिम एकता पर बल देते हुए कहा, “हमारी पार्टी जाति और धर्म के नाम पर नहीं, इंसाफ और हक के नाम पर राजनीति करती है। हम सबको मिलकर नफरत और आतंक के खिलाफ लड़ना है। उन्होंने अपना भाषण देते हुए वक्फ बिल पर चर्चा की और उन्होंने कहा कि आज हम तिरंगा लेकर आए हैं, कल अगर सरकार वक्फ बिल वापस नहीं लेती है तो काला झंडा लेकर भी आएंगे। यह लड़ाई संविधान और इंसाफ की लड़ाई है।
कार्यक्रम में अन्य नेताओं की उपस्थिति:
कार्यक्रम में एआईएमआईएम के बिहार प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल इमाम, वरिष्ठ नेता आदिल हुसैन और कई स्थानीय नेता उपस्थित रहे। अख्तरुल इमाम ने आतंकवाद के खिलाफ़ देशव्यापी नीति की जरूरत बताई और वक्फ संपत्तियों के मुद्दे को संविधान के अधिकारों से जोड़कर देखा। आदिल हुसैन ने कहा कि मुस्लिम समाज को अब और भ्रम में नहीं रखा जा सकता, सरकार को जवाब देना होगा।
कार्यकर्ताओं में जोश और संकल्प:
कार्यक्रम में भाग लेने आए एआईएमआईएम कार्यकर्ताओं में जबरदस्त जोश दिखा। तिरंगे झंडे के साथ हाथों में तख्तियाँ लिए कार्यकर्ता ‘वक्फ बिल वापस लो’, ‘आतंकवाद मुर्दाबाद’ और ‘हम सब एक हैं’ जैसे नारे लगा रहे थे। कार्यक्रम का संचालन डॉक्टर शमीमुल हक ने किया।
महिलाओं की भागीदारी भी रही खास:
इस आयोजन में महिलाओं की भागीदारी भी उल्लेखनीय रही। मंच से महिलाओं के प्रतिनिधियों ने भी शिक्षा, रोजगार और सुरक्षा के मुद्दों पर अपनी आवाज बुलंद की। उन्होंने कहा कि मुस्लिम महिलाओं को अधिकारों से वंचित करने की कोशिशें नाकाम होंगी।
मंच पर लगाए गए नारे और बैनर:
मंच को तिरंगे और एआईएमआईएम के झंडों से सजाया गया था। बैनर पर लिखा था – हम आतंक के खिलाफ हैं, वक्फ हमारा हक है, शिक्षा और रोजगार हमारा अधिकार है। पूरे आयोजन के दौरान अनुशासन और व्यवस्था का विशेष ध्यान रखा गया।
अंत में ओवैसी ने दी चेतावनी:
अपने अंतिम भाषण में ओवैसी ने कहा, हम नफरत के खिलाफ मोहब्बत से लड़ेंगे। लेकिन अगर सरकार ने हमारी मांगें नहीं मानीं, तो लोकतांत्रिक तरीके से आंदोलन को तेज़ किया जाएगा।
निष्कर्ष:
यह आयोजन एक राजनीतिक सभा से कहीं बढ़कर था – यह एक सामाजिक चेतना और हक की लड़ाई का मंच था। एआईएमआईएम ने स्पष्ट कर दिया कि वह आतंकवाद, अन्याय और भेदभाव के खिलाफ मैदान में उतर चुका है, और जनता के बीच जाकर उनके हक की आवाज़ बनना उसका मकसद है।