हरसिद्धि में नियमों को ताक पर रख बालक स्कूल को पीएम श्री में किया गया शामिल।
पने पदस्थापना के साथ ही भ्रष्टाचार संबंधित कई तरह के जाँचों के जद आए जिला शिक्षा पदाधिकारी संजीव कुमार सिंह पर अब ‘पीएम श्री’ योजना के तहत स्कूलों के चयन मे भारी अनियमितता बरतने के आरोप लग रहे है।
दीपांकर कुमार द्वारा पोस्टेड, चम्पारण केसरी, हरसिद्धि। अपने पदस्थापना के साथ ही भ्रष्टाचार संबंधित कई तरह के जाँचों के जद आए जिला शिक्षा पदाधिकारी संजीव कुमार सिंह पर अब ‘पीएम श्री’ योजना के तहत स्कूलों के चयन मे भारी अनियमितता बरतने के आरोप लग रहे है।
आरोप है कि पीएम श्री के तहत हरसिद्धि प्रखंड में नियमों को दरकिनार कर हरसिद्धि बालक मध्य विद्यालय को शामिल कर लिया गया है, जबकि मानकों के अनुसार उस स्कूल का चयन नहीं किया जाना चाहिए था। मामले को लेकर पूर्व मे कई तरह के आवेदन भी वरीय अधिकारियों सहित जिला शिक्षा पदाधिकारी को दिए गए थे।
योजना की गाइडलाइन के अनुसार, ऐसे मध्य विद्यालय को पीएम श्री योजना में शामिल किया जाना था, जो निकटतम चयनित उच्च विद्यालय से सबसे कम दूरी पर स्थित हो, ताकि छठवीं से आठवीं तक के छात्रों को आगे की शिक्षा में सुगमता मिले। लेकिन वास्तविकता में चयन किए गए मध्य विद्यालय बालक से संबंधित उच्च विद्यालय की दूरी अधिक है, जबकि इसके मुकाबले मध्य विद्यालय (कन्या) इस मानक पर खरा उतरता है।
शिक्षको और जनप्रतिनिधियो में नाराजगी
स्थानीय शिक्षको, अभिभावको और जनप्रतिनिधियो ने इस चयन पर नाराजगी जाहिर की है। उनका कहना है कि चयन में पक्षपात हुआ है। कई शिक्षको व जनप्रतिनिधियों ने बताया, “हमने साफ तौर पर देखा है कि जिस स्कूल को चुना गया है, वह दूरी के मानक पर फिट नहीं बैठता। यह सीधा नियमों का उल्लंघन है। गाइडलाइन के अनुसार मध्य विद्यालय कन्या का चयन होना चाहिए।”
क्या है पूरा मामला
इस योजना को लेकर चिन्हित मध्य विद्यालय, हरसिद्धि (बालक) का दावा है कि प्रखण्ड शिक्षा पदाधिकारी ने इस विद्यालय को पीएम श्री योजना के अंतर्गत गांधी उच्चतर माध्यमिक विद्यालय हरसिद्धि संविलियन करने के प्रस्ताव को जिला शिक्षा पदाधिकारी को समर्पित किया है।
उसके बाद ही प्रखण्ड शिक्षा पदाधिकारी के इस निर्णय पर सवाल उठाए जाने लगे है। बताया गया कि मध्य विद्यालय, हरसिद्धि (बालक) नियमित शिक्षक स्थापना के लिए चिन्हित मध्य विद्यालय है। पूरे प्रखण्ड के नियमित शिक्षको का वेतन यही से बनता है। पीएम श्री से जुडने के बाद नियमित शिक्षक के वेतन भुगतान भी प्रभावित होगा। साथ ही चिन्हित मध्य विद्यालय की अवधारणा भी समाप्त हो जाएगी।
यही नहीं इस विद्यालय मे कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय की छात्राएं भी पढ़ती है, इसलिए ऐसी स्थिति मे केजीवीपी का संचालन भी प्रभावित हो जाएगा। साथ ही बच्चियों के आने जाने मे परेशानी भी हो सकती है।
जांच की उठी मांग
अब मामले की निष्पक्ष जांच की मांग जोर पकड़ रही है। शिक्षा विभाग से अपील की गई है कि वह चयन प्रक्रिया की समीक्षा करे और अगर गड़बड़ी पाई जाए, तो जिम्मेदारों पर कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।
अधिकारी बोले-
सर्व शिक्षा अभियान के जिला प्रोग्राम पदाधिकारी हेमचन्द्र प्रसाद ने कहा कि मामले कि जानकारी प्राप्त हुई है। मै खुद से जांच करूंगा और आरोप सही पाए जाने पर सुधार करते हुये दोषी लोगों पर कार्रवाई की जाएगी ।