
केसरिया, पू.च। मूर्ति निर्माण व्यवसाय से जुड़े राजस्थान के एक परिवार के समक्ष भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गई है। स्थिति यह है कि प्रतिदिन भोजन की व्यवस्था करने व घर जाने के लिए किराया नहीं होने के कारण किसी तरह गुजर बसर करने को विवश है। जानकारी है कि राजस्थान के चेलापाली जिले के प्रतापगढ़ सादरी निवासी रामलाल अपने पूरे परिवार के साथ विगत वर्ष अक्टूबर माह में केसरिया आये। रामलाल व उनका पूरा परिवार मूर्ति कला से जुड़ा है। ये लोग विगत पाँच वर्षों से केसरिया आकर सृजन के देवता विश्वकर्मा व विद्या की देवी माँ सरस्वती की प्रतिमा बनाकर बेचते हैं। इस वर्ष भी सरस्वती की छोटे-बड़े करीब 80 प्रतिमा का निर्माण किये थे। जिस पर करीब एक लाख से अधिक रुपया लागत आया था। लेकिन मात्र तीन दर्जन हीं प्रतिमा बिक सकी। जिससे इन लोगों की लागत पूंजी भी नहीं निकल सकी। जिससे इस परिवार के समक्ष आर्थिक समस्या उत्पन्न हो गई है। मूर्तिकार रामलाल व उनका परिवार विरासत में मिली मूर्ति निर्माण कला को अपना आजीविका का साधन बना लिया। रामलाल के पुत्र प्रकाश ने बताया कि प्रतिमा निर्माण उनका पुस्तैनी व्यवसाय है।
पाँच वर्षों से वे अपने परिवार के करीब 15 महिला व पुरुष सदस्यों के साथ केसरिया आते हैं। यहाँ इस बार 21 हजार रुपये में छः माह के लिए जमीन किराया पर लेकर मूर्ति निर्माण किये। परिवार के सभी सदस्य मिलकर राजस्थान की खड़िया मिट्टी व पीओपी सहित अन्य समान से मूर्ति का निर्माण किये। ताकि अच्छी आमदनी हो सके। एक छोटी प्रतिमा पर कम से कम 15 सौ रुपया लागत आती है। लेकिन इस बार सरस्वती प्रतिमा की बिक्री उम्मीद से बहुत कम हुई। जिसके कारण आर्थिक संकट हो गया है। खाने व घर जाने तक के लिए रुपये नहीं हैं।