बिहार

दशरथ मांझी शिक्षण संस्थान की नई पहल: शिक्षा और सेवा का संगम

शिक्षा और सेवा का संगम

बोधगया। दशरथ मांझी शिक्षण संस्थान ने अपने शैक्षणिक मिशन को नई दिशा देते हुए बोधगया के बड़की पड़रिया गांव में बच्चों को शिक्षा प्रदान करने के लिए मोहल्ला आधारित शिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत की है। इस पहल के तहत गांव में एक शिक्षक नियुक्त किया गया है, जो बच्चों को उनके नजदीक ही शिक्षा उपलब्ध कराएंगे। संस्था के निदेशक पिंटू कुमार भारती ने बताया कि रीनता कुमारी को इस गांव में बच्चों को पढ़ाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। यह प्रयास संस्थान की ओर से उन बच्चों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, जिन्हें शैक्षणिक संसाधनों की कमी के कारण पढ़ाई में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।

इसके साथ ही संस्थान ने सामाजिक सेवा के क्षेत्र में भी अपनी प्रतिबद्धता दिखाते हुए बुजुर्गों और विधवाओं को कंबल वितरण किया। इस पहल का उद्देश्य ठंड के मौसम में समाज के इन वंचित वर्गों को राहत प्रदान करना है। संस्थान की यह पहल न केवल शिक्षा के महत्व को बढ़ावा देती है, बल्कि समाज के हर वर्ग की जरूरतों को पूरा करने के लिए एक प्रेरणादायक उदाहरण भी प्रस्तुत करती है। इस वर्ष हमारा संगठन तीन यूनिट के माध्यम से बोधगया के तीन गांवों—अतिया, बड़की पालरिया और अर्जुन बीघा—में शैक्षिक कार्य करेगा। इन यूनिट्स में तीन शिक्षक नियुक्त किए गए हैं, जो उन बच्चों को शिक्षित करेंगे जो नवोदय विद्यालय प्रवेश परीक्षा और अंबेडकर विद्यालय प्रवेश परीक्षा (कक्षा 6) की तैयारी कर रहे हैं। यह प्रयास गांव के बच्चों को शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ने और उनके उज्जवल भविष्य की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। इस अवसर पर अमित कुमार, रिनता कुमारी, अनिल कुमार, और कई अभिभावक उपस्थित रहे।

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