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गोपाल खेमका हत्याकांड पर सियासी घमासान: तेजस्वी बोले- एनडीए शासन में अब तक 65 हजार हत्याएं, अब कौन चिल्लाएगा जंगलराज?

पटना के चर्चित व्यवसायी गोपाल खेमका की 4 जुलाई की रात सरेआम गोली मारकर हत्या कर दी गई।

संजीव कुमार)चंपारण केशरी/पटना, दीपांकर कुमार द्वारा पोस्टेड । पटना के चर्चित व्यवसायी गोपाल खेमका की 4 जुलाई की रात सरेआम गोली मारकर हत्या कर दी गई। यह घटना पटना के बांकीपुर क्लब के पास हुई, जिसने पूरे प्रदेश को हिला दिया है। इस जघन्य हत्याकांड को लेकर बिहार की सियासत गरमा गई है। विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जोरदार हमला बोला है।

तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया कि एनडीए शासन में अब तक 65 हजार से अधिक हत्याएं हो चुकी हैं, लेकिन मुख्यमंत्री ‘अचेत’ अवस्था में हैं और किसी घटना पर कोई बयान तक नहीं देते। उन्होंने कहा, बिहार में राक्षस राज स्थापित हो चुका है। मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री को इन 65 हजार निर्दोष हत्याओं में भी पुण्य दिखाई देता है। इन्हें शर्म आनी चाहिए।

तेजस्वी ने मीडिया को भी आड़े हाथों लेते हुए कहा कि अगर यही घटना लालू राज में हुई होती तो मीडिया उनकी खाल उधेड़ देती। उन्होंने सवाल किया कि अब वो लोग कहां हैं जो जंगलराज चिल्लाते थे? उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी हर दिन अपराध का बुलेटिन जारी करती है, लेकिन किसी को फर्क नहीं पड़ता।

तेजस्वी ने यह भी याद दिलाया कि 6 साल पहले गोपाल खेमका के बेटे गुंजन खेमका की भी हत्या हुई थी, लेकिन अब तक उस केस का कोई हल नहीं निकला। उन्होंने कहा कि बिहार में पुलिस की निष्क्रियता इतनी भयावह है कि मुख्यमंत्री, जज और नेता प्रतिपक्ष के घरों के सामने भी गोलियां चलती हैं, लेकिन अपराधी बेखौफ घूमते हैं।

इस हत्याकांड को लेकर प्रशांत किशोर ने भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि आज लालू और नीतीश के शासन में कोई अंतर नहीं रह गया है। अपराध नियंत्रण के नाम पर सिर्फ बातें होती हैं, जमीनी हालात बेहद खराब हैं।

पुलिस जांच में जमीनी विवाद और बेऊर जेल कनेक्शन सामने आया है। शूटर की अंतिम लोकेशन हाजीपुर में ट्रेस हुई है।एसआईटी और एसटीएफ की टीमें लगातार छापेमारी कर रही हैं। बेऊर जेल में छापेमारी के दौरान तीन कक्षपाल निलंबित किए गए हैं। मामले की जांच के लिए सिटी एसपी (मध्य) दीक्षा के नेतृत्व में विशेष टीम बनाई गई है, जिसमें दो डीएसपी, एक एएसपी और तकनीकी टीम शामिल है।

इस हाई-प्रोफाइल हत्याकांड ने न सिर्फ कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि सत्ता और विपक्ष के बीच तल्खी भी बढ़ा दी है। अब देखना है कि पुलिस कितनी जल्दी इस मामले का खुलासा कर पाती है और दोषियों को न्याय के कटघरे में खड़ा कर पाती है या नहीं।

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