महिला संवाद यात्रा के दौरान चमकी बुखार के बारे में लोगों को किया जा रहा है जागरूक।
जीविका दीदियों, आशा कार्यकर्ता व अन्य स्वास्थ्य कर्मियों के द्वारा महिलाओं एवं आमजनों को चमकी बुखार के लक्षण एवं इससे बचाव के लिए जागरूक किया जा रहा है

चम्पारण केसरी,दीपांकर कुमार द्वारा पोस्टेडमोतिहारी। जिले में चमकी बुखार के प्रचार प्रसार को लेकर स्वास्थ्य विभाग काफी गंभीर है। जिले में चल रहे महिला संवाद यात्रा में चमकी बुखार से बचाव को लेकर जीविका दीदियों, आशा कार्यकर्ता व अन्य स्वास्थ्य कर्मियों के द्वारा महिलाओं एवं आमजनों को चमकी बुखार के लक्षण एवं इससे बचाव के लिए जागरूक किया जा रहा है ताकि चमकी के मामलों में कमी आए। इस सम्बन्ध में जिले के डीभीबीडीसीओ डॉक्टर शरत चंद्र शर्मा ने बताया कि जीविका महिला संवाद यात्रा में जिला अंतर्गत सभी स्वास्थ्य केंद्र अधीन 1400 स्थानों पर जीविका महिला संवाद में एईएस/ज़ेई से बचाव एवं त्वरित उपचार प्रबंधन के लिए अब तक 2 लाख 80 हजार लोगों को जागरूक किया गया है, वहीं राज्य द्वारा प्रदत्त एईएस इक्विपमेंट किट, जिसमें मरीज के उपचार हेतु 13 प्रकार का उपकरण मौजूद है, सभी स्वास्थ्य केंद्र को कुल 73 किट उपलब्ध कराया गया है। उन्होंने बताया कि एईएस के संदिग्ध मरीज मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन योजना अंतर्गत भी लाभ ले सकते हैं। इस दौरान अगर संभावित मरीज तीन या चार पहिया वाहन से परिजन मरीज के साथ अगर स्वास्थ्य केंद्र पर जाते हैं तो उन्हें भाड़ा निर्धारित राशि उपलब्ध कराई जाएगी। 20 किलोमीटर तक ₹400, 21 से 40 किलोमीटर तक ₹600, 41 से 60 किलोमीटर तक ₹800, 61 किलोमीटर से आगे तक ₹1000 दिए जायेंगे। वहीं कंसल्टेंट अभिषेक कुमार एवं भीडीसीओ रविंद्र कुमार ने सावधानियों के बारे में बताया की बच्चों को तेज धूप से बचाएँ। अपने बच्चों को दिन में दो बार स्नान कराएँ।गर्मी के दिनों में बच्चों को ओआरएस अथवा नींबू पानी-चीनी का घोल पिलाएँ। रात में बच्चों को भरपेट खाना खिलाकर ही खुलाएं।रविंद्र कुमार ने कहा की तेज बुखार होने पर पूरे शरीर को ताजे पानी से पोछे एवं पंखा से हवा करें ताकि बुखार 100°F से कम हो सके। पारासिटामोल की गोली/सीरप मरीज को चिकित्सीय सलाह पर दें। यदि बच्चा बेहोश नहीं है तब साफ एवं पीने योग्य पानी में ओआरएस का घोल बनाकर पिलायें। चमकी आने पर, मरीज को बाएँ या दाएँ करवट में लिटाकर अस्पताल ले जाएं। बच्चे के शरीर से कपड़े हटा लें एवं गर्दन सीधा रखें। अगर मुँह से लार या झाग निकल रहा हो तो साफ कपड़े से पोछें, जिससे कि सांस लेने में कोई दिक्कत ना हो,
बेहोशी/मिर्गी की अवस्था में बच्चे को छायादार एवं हवादार स्थान पर लिटाएँ। जितना जल्द हो सकें मरीज क़ो सरकारी अस्पताल में लेकर जाएँ।