केसरिया बौद्ध स्तूप से भीम आर्मी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने शुरु की पदयात्रा।
बौद्ध धरोहरों पर अन्य किसी भी बाहरी नियंत्रण को बौद्ध समाज स्वीकार नहीं करेगा।

चम्पारण केसरी, दीपांकर कुमार द्वारा पोस्टेड, केसरिया, पू.च। बौद्ध धरोहरों पर अन्य किसी भी बाहरी नियंत्रण को बौद्ध समाज स्वीकार नहीं करेगा। यह केवल बौद्धों की आस्था और पहचान से जुड़ा मामला नहीं, बल्कि उनके संवैधानिक और धार्मिक अधिकारों का प्रश्न भी है। उक्त बातें केसरिया बौद्ध स्तूप परिसर से विरासत बचाओ भारत बचाओ यात्रा का शुभारंभ करने के दौरान भीम आर्मी के राष्ट्रीय अध्यक्ष भाई विनय रतन सिंह ने कही। उन्होंने ने कहा कि अब अन्याय नहीं सहेंगे, अपने अधिकार के लिए संघर्ष करेंगे। हमारी मांगें है कि बीटीएमसी अधिनियम 1949 को तुरंत निरस्त किया जाए। महाबोधि महाविहार पर बौद्धों का पूर्ण स्वामित्व हो। बोधगया को बौद्धों का आधिकारिक तीर्थ स्थल घोषित किया जाए। वही भीम आर्मी के प्रदेश अध्यक्ष अमर ज्योति ने कहा कि अगामी 12 मई को बोधगया की धरती पर पार्टी के सासंद चन्द्रदेश्वर मुख्य वक्ता के रूप में सामिल होंगे। तथा इस कार्यक्रम में देश के कोने कोने से भीम आर्मी के सदस्य पहुंचेंगे। वही प्रधान महासचिव कमल सिंह बालिया ने सरकार से अभी याचना कर रहे है। यदि बात नही बनी तो छीनने का हाल हम लोग जानते है। राजद नेता व महात्मा बुद्ध सेवा संस्थान के अध्यक्ष सीताराम यादव व सरंक्षक अवधेश यादव ने कहा कि भीम आर्मी इस न्यायपूर्ण आंदोलन के साथ खड़ा है। इस दौरान आये नेताओ को प्रखंड अध्यक्ष जितेंद्र कुमार के नेतृत्व में स्वागत किया गया। मौके पर प्रदेश कोषाध्यक्ष विनय पासवान, तिरहुत प्रमण्डल प्रभारी शिवजी पासवान, भीम आर्मी के जिलाध्यक्ष संतोष मोहन देव, प्रखंड अध्यक्ष जितेंद्र कुमार, नगर अध्यक्ष मंजीत कुमार, नवल पासवान, दीपक कुमार, विनोद राम, रामअधार राय, संजय यादव, डाँ विनोद कुमार, मुना पासवान, सत्यनारायण राय समेत कई लोग सामिल थे।