क्या बिहार ने वाकई इस घंटाघर पर 40 लाख रुपये खर्च किए?
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की प्रगति यात्रा के दौरान अनावरण के एक दिन बाद ही यह संरचना काम करना बंद कर देने के बाद वायरल हो गई।

दीपांकर कुमार रिपोर्ट | बिहारशरीफ में हाल ही में स्थापित घंटाघर सोशल मीडिया पर मजाक और आलोचना का विषय बन गया है, क्योंकि कथित तौर पर इसके उद्घाटन के एक दिन के भीतर ही इसने काम करना बंद कर दिया। कई लोगों का मानना है कि इस इमारत की लागत 40 लाख रुपये थी, लेकिन इसकी पुरानी डिजाइन और खराब फिनिश के कारण इसकी आलोचना की गई।
बिहार का घंटाघर सोशल मीडिया पर क्यों ट्रेंड कर रहा है?
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की प्रगति यात्रा के दौरान इसका अनावरण किए जाने के एक दिन बाद ही लोगों ने देखा कि यह संरचना काम करना बंद कर चुकी है, जिसके बाद यह वायरल हो गई। टॉवर का पुराना डिज़ाइन, खराब पेंटवर्क और शुरुआती खराबी ने लोगों को निराश कर दिया। कई लोगों ने ऑनलाइन इसका मज़ाक उड़ाया, इसे “आँखों में चुभने वाला” कहा और इसकी तुलना स्कूल प्रोजेक्ट से की। सबसे ज़्यादा नाराज़गी का कारण यह दावा था कि घंटाघर पर 40 लाख रुपए खर्च किए गए थे।